कृपया एटीएस अगले किसी एंकाउंटर में संदेह करने वाले व्यक्तियों को गोलियां चलाते आतंकी के सामने रखे, संदेह नहीं होगा

लखनऊ सैफुल्लाह एंकाउंटर पर मौलाना आमिर राशिदी ने कहा है कि एंकाउंटर करने वाले की वर्दी खाल सहित उतार लेंगे। अभी ये समझ नहीं आ रहा है कि वे आतंकी के एंकाउंटर का विरोध कर रहे हैं या सैफुल्लाह को आतंकी ही नहीं मानते हैं या कुछ और बात है। थोड़े दिन में ये स्पष्ट हो जाएगा।

वैसे एटीएस ने एंकाउंटर के समय सैफुल्लाह को कई बात चेतावनी दी थी कि वो आत्मसमर्पण कर दे किन्तु वो गोलियां चलाता रहा। उसके उत्तर में एटीएस ने गोलियां चलाई और वो मारा गया।

भारत में किसी मुस्लिम आतंकी के मरने के बाद एंकाउंटर को नकली कहने का प्रचलन है। यही बात दिल्ली के बटला हाउस एंकाउंटर के लिए भी कही गई थी।

तो मेरा ये मानना है कि जिन जिन लोगों को किसी भी एंकाउंटर पर कभी संदेह रहा है उन्हे एटीएस को अगले किसी एंकाउंटर में साथ लेकर जाना चाहिए और एंकाउंटर के समय उन्हे अपने आगे रखना चाहिए जिससे वो गोलियां चलाते आतंकी को ठीक से देख सकें और उन्हे पक्का हो जाए कि एंकाउंटर असली हो रहा है। अब अपना संदेह दूर करने के लिए इतना तो करना पड़ेगा। एटीएस को भी आतंकियों पर गोलियां संदेह करने वालों के पीछे खड़े होकर चलानी चाहिए जिससे संदेह करने वालों को ये पता चले कि एटीएस सही काम कर रही है कि नहीं। उनको एटीएस के आगे देख आतंकी भी सोच सोच के गोली चलाएँगे कि कई उन्हे न लग जाए। पर आतंकी ऐसा न सोचे तो इसका उत्तरदायित्व संदेह करने वालों का है क्योंकि नकली एंकाउंटर हो जाने की चिंता उन्हे स्वयं ही तो है।

इस प्रकार से कभी भी किसी को किसी एंकाउंटर के नकली होने का संदेह नहीं रहेगा।

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Jitender Khurana

जितेंद्र खुराना HinduManifesto.com के संस्थापक हैं। Disclaimer: The facts and opinions expressed within this article are the personal opinions of the author. www.HinduManifesto.com does not assume any responsibility or liability for the accuracy, completeness, suitability, or validity of any information in this article.

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