राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने मंदिरों और पुजारियों के हित में कार्य किए, बढ़ाया मानदेय

राजस्थान में पुजारियों में अशोक गहलोत सरकार के प्रति सकारात्मकता दिखाई दे रही है जिसके कारण आगामी चुनाव में कांग्रेस को लाभ मिल सकता हैं।

उसका मूल कारण है कि इसी वर्ष मई में राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने पुजारियों के हित मे प्रशंसनीय निर्णय लिया था। समाचार रिपोर्टों के आधार पर बता सकते हैं कि राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार मंदिरों के पुजारियों का मानदेय 3 हजार से बड़ाकर 5 हजार रु किया गया था। आत्मनिर्भर मंदिरों के अंशकालीन पुजारियों का भी मानदेय 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए पूर्व में ही किया जा चुका था। इससे मंदिरो के पुजारियों में अशोक गहलोत सरकार के प्रति सकारात्मकता बड़ी है।

साथ ही, देवस्थान विभाग के अधीन 593 मंदिरों में पोशाक, रंग-रोगन, मरम्मत तथा उन्नयन संबंधी कार्यों के लिए 5.93 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को भी स्वीकृति दी थी।

मंदिर में 1 लाख रुपए तक के कार्य कराने के लिए स्वीकृति

इसी प्रस्ताव के अनुसार, 390 राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार मंदिर तथा 203 राजकीय आत्मनिर्भर मंदिरों के लिए 5.93 करोड़ रुपए (प्रति मंदिर 1 लाख रुपए तक) की स्वीकृति दी गई थी। उक्त स्वीकृति से मंदिरों में विभिन्न उन्नयन कार्य किए जाएंगे. राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियों की आस्था को देखते हुए मंदिरों को सुदृढ़ करने के लिए पोशाक, रंग-रोगन एवं मरम्मत कार्य करवाए।

मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में पुजारियों के मानदेय में वृद्धि तथा मंदिरों के मरम्मत, उन्नयन कार्याें के संबंध में घोषणाऐं प्रशंसनीय हैं।

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